tag:blogger.com,1999:blog-7079212494853150603.post7891008233003124586..comments2023-10-25T20:46:40.255+05:30Comments on कौन सुनता है ?: होश में या बेहोशी में ----J Sharmahttp://www.blogger.com/profile/05178425426201266577noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7079212494853150603.post-78428307938946361332012-11-25T18:59:13.866+05:302012-11-25T18:59:13.866+05:30अपनों को पराया बनाना ------
परायों को अपना बनाना -...अपनों को पराया बनाना ------<br />परायों को अपना बनाना ------<br />दोनों बातों में समान वजन है ; जो एक को कर लिया दूसरा उसके लिए कठिन नहीं<br />जो यह कहता है कि हमनें अमुक को अपना लिया लेकिन उसनें मुझे धोखा दिया ,<br />यह बात दिल की बात नहीं बाहर - बाहर की बात है ----<br />जो दिल से किसी को अपनाता है उसके पास मैं और तूं दो नहीं रहते , अपनानें के साथ ही मैं तूं में बिलीन हो जाता है , फिर कौन बचा रहता है जो यह कहे कि , उसको मैं अपना लिया था लेकिन उसनें मुझे धोखा दिया ?<br /><br />- प्रेरक कथन, आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com