श्रीमद्भगवद्गीता के मूल तत्त्व ⤵️
# श्रीमद्भगवद्गीता ऊपर व्यक्त 36 तत्त्वों पर केंद्रित है ।
# गीता के शब्दों के अर्थ को गीता में खोजना बुद्धि योग में ले लाता है और गीता के शब्दों का अर्थ स्वयं लगाना, अहंकार में पहुंचाता है ।
# श्रीमद्भगवद्गीता को आदि शंकराचार्य जी गीतोपनिषद् कहते हैं अर्थात उनकी दृष्टि गीता महाभारत का अंश मात्र नहीं एक पूर्ण उपनिषद् है अर्थात इसके शब्द वेद के शब्द हैं जिनकी अपनी ऊर्जा होती है ।
# दुःख होता है यह देख कर कि लोग लोग बोल तो रहे होते हैं गीता पर लेकिन उनके विचारों में कहीं दूर तक गीता नजर नहीं आता।
~~ ॐ ~~
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