श्रीमद्भागवत पुराण में सप्त श्रोत वह स्थान है जहाँ सप्त ऋषियों के लिए गंगा जी 07 धाराओं में विभक्त हो गयी हैं । यह वह स्थान है जहाँ धृत राष्ट्र और गांधारी ध्यान माध्यम से अपनें - अपनें शरीर को त्यागे थे ।
आज यह पवित्र स्थान गायत्री परिवार , सप्त ऋषि आश्रम और सप्त ऋषि मंदिर के नाम से जाना जाता है ।
आइये गूगल मैप की मदद से इस पवित्रम् क्षेत्र का दर्शन करते हैं
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