पिछले अंक में अष्टांगयोग के पहले अंग यम के 05 तत्त्वों को देखा गया जिनका जीवन भर अभ्यास करना होता है । अब अष्टांगयोग के दूसरे अंग नियम के 05 तत्त्वों को देखने जा रहे हैं जीको जीवत्न भर पालन करना है । नियम के बाद तीसरा अंग होगा आसनऔर प्राणायाम जिनको आगे आने वाले अंकों में देखा जा सकता है ।
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