एक झलक
गीता अध्याय - 02 में श्लोकों की स्थिति⬇️
☸️इस अध्याय में निम्न बिषयों पर चर्चा की गयी है ⬇️
🕉️ आत्मा ⤵️
श्लोक : 2.13 - 2.30 ( 18 श्लोक )
● जीवात्मा का देह त्याग और देह धारण करना ,धीर पुरुष को मोहित नहीं करता ।
● जीवात्मा अविनाशी , अप्रमेय और नित्य है जबकि देह नाशवान है।
● नायं हन्ति न हन्यते ( 2.19 ) आत्मा न मारता है और न मारा जाता है ।
● न हन्यते हन्यमाने शरीरे ( 2.20 ) शरीर के मारे जाने पर भी यह नहीं मारा जाता ।
◆ आत्मा जन्म - मरण से अप्रभावित , अजन्मा ,
नित्य , सनातन और पुरातन है ।
◆ आत्मा - बोधी न मारता है , न मरवाता है ।
◆ आत्मा पुराने देह को त्याग कर नया देह धारण
करता है ।
◆ आत्माको काटा नहीं जा सकता , जलाया नहीं जा
सकता , घुलाया नहीं जा सकता और सुखाया नहीं जा सकता ।
◆ आत्मा अच्छेद्य , अदाह्य , अक्लेद्य , सर्वव्यापी , अचल , सनातन ,अव्यक्त , अचिन्त्य और निर्विकार है।
◆ आत्माको कोई आश्चर्य से देखताहै । कोई आश्चर्य से आत्मा के सम्बन्ध में सुनता है तो कोई तत्त्व से आत्मा को जानता है । ज्यादातर लोक सुनकर भी आत्मा को नहीं जानते !
★ सभीं भूत जन्म पूर्व अव्यक्त थे , मरने के बाद भी अव्यक्त हो जाते हैं , इन दो के मध्य की उनकी स्थिति व्यक्त की है फिर ऐसी स्थिति में किसी के लिए शोक क्या करना !
~~◆◆ ॐ ◆◆~~
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