एक झलक ⬇️
अब आगे ⤵️अध्याय : 05 का सार..
क्र सं | बिषय | श्लोक |
1 | अर्जुन का प्रश्न कर्मीयोग - कर्मसंन्यास | 2 |
2 | प्रभु के श्लोक | 2 - 29 |
2.1 | ● समभाव ●सांख्ययोग और कर्म योग ● कर्म योग से कर्म संन्यास ◆ तत्त्ववित् ◆कर्म आसक्ति ◆ कर्मफल | X |
2.2 | ●प्रभु के सम्बन्ध में ◆ ज्ञान ● समदर्शी ◆ ब्रह्म # इंद्रिय - बिषय संयोग भोग है # योगी कौन ब्रह्मनिर्वाण , यज्ञ ★ आज्ञाचक्र पर ध्यान | X |
◆◆ ॐ ◆◆~~
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