Thursday, July 7, 2022

पतंजलि विभूति पाद सूत्र : 23 - 24 > मित्रता किससे करें ? और दूसरे के बल को कैसे प्राप्त करें ?

महर्षि पतंजलि विभूति पाद : 23 - 24 में दो ज्ञान देते हैं ⬇️ 1 - मित्रता किससे करनी चाहिए ? 2 - सिद्धि - 7 में बता रहे हैं कि दस्ते की शारीरिक शक्ति को कैसे प्राप्त करें ? पहले ज्ञान में महर्षि कह रहे हैं , सुखी व्यक्ति से मित्रता करनी चाहिये और मित्रता से बल मिलता है दूसरे ज्ञान में कहते हैं , जिस व्यक्ति के बल को प्राप्त करना हो उसके शरीर पर।संयमे5 सिद्धि प्राप्त करनी चाहिए । दजर्न , ध्यान और समाधी6 का एक साथ घटित होने संयम है । महाभारत प्रारम्भ होने से थीकं पूर्व जब दोनों सेनाएं आमने - सामने कड़ी थी तब प्रभु श्री कृष्ण अर्जुन के रथ को कौरव सेना के मध्य ठीक उस जगह पर खड़ा की थी जहाँ कौरव सेना के प्रमुख महारथी खड़े थे । ऐसा कृष्ण क्यों करते हैं ? यहाँ कृष्ण चाहते हैं कि कौरव सेना के प्रमुख महा रथियों के शारीरिक बल को शक्ति पात माध्यम से और महर्षि पतंजलि के विभूति पाद सूत्र - 24 में दी गयी सिद्धि के अनुसार , अर्जुन को मिल सके ।

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