पतंजलि योग सूत्र विभूति पाद : अंतर्धान होने की सिद्धि प्राप्त करना
पतंजलि विभूति पाद सूत्र : 21 सिद्धि - 05 में यहाँ महर्षि कह रहे हैं , जो अपनें शरीर के स्वरुप पर संयम सिद्धि प्राप्त कर लेता है , वह दूसरों के लिए स्वयं को अंतर्धान कर सकता है ।
अंतर्धान सम्बंधित अनेक कथाएं पुराणों में मिलती हैं ।
No comments:
Post a Comment