यहाँ जो स्लॉइड दी जा रही है , वह मात्र - विभूति पाद सूत्र - 43 के लिए बनायीं गयी है । महा विदेहा पतंजलि योग साधना की एक अवस्था है जहाँ साधक अपने चित्त को अपनें देह के बाहर अकल्पिता देखता है ।
यह अवस्था वितर्क , विचार , आनंद और अस्मित - इन चार प्रकार की सम्प्रज्ञात समाधियों में अस्मित सम्प्रज्ञात समाधि सिद्धि में आती है ।
इस बिषय पर विस्तार से आगे चल के कुछ और स्लाइड्स दी जाएंगी जिससे Out od body experience को थीक से समझा जा सके ।। ॐ ।।
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