उपनिषद् - बोध भाग - 5
जगद्गुरु आदि शंकराचार्य निम्न 10 उपनिषदों पर भाष्य लिखे हैं ……..
1 - ईश 2 - ऐतरेय 3 - कठ 4 - केन 5 - छान्दोग्य 6 - प्रश्न 7 - तैत्तिरीय 8 - बृहद आरण्य 9 - मांडूक्य 10 - मुण्डक
" सत्यमेव जयते " मुण्डक उपनिषद् की देन है ।
~~ ॐ ~~ 04 अक्टूबर
1⃣
~~◆◆ ॐ◆◆~~
2⃣
उपनिषद् के 04 महा वाक्य 2
1- तत्त्वमसि " तत् त्वम् असि "
सामवेद : छंदयोग्य उपनिषद् > 6.8.7
सूत्र भावार्थ ⬇️
1 - अद्वैत्य वेदांत के अनुसार > वह तूँ है
2 - द्वैत्य वेदांत रामानुजाचार्य के अनुसार > तूँ उसका है
2 - अहम् ब्रह्मास्मि > अहम् ब्रह्म अस्मि
यजुर्वेद : वृहद् आरण्य उपनिषद् : 1.4.10
सूत्र भावार्थ ⬇️
" मैं ब्रह्म हूँ "
3 - अयम् आत्मा ब्रह्म
अथर्वेद माण्डूक्य उपनिषद् : 1/1
सूत्र भावार्थ ⬇️
#अद्वैत्य बाद > यह आत्मा , ब्रह्म है
# द्वैत्य बाद > यह आत्मा वर्धनशील है
4 - प्रज्ञानं ब्रह्म
◆ ऋग्वेद : ऐतरेय उपनिषद् > 1 / 2
● सामवेद : छान्दोग्य उपनिषद् > 3.14.1
सूत्र भावार्थ ⬇️
प्रज्ञान ब्रह्म है अर्थात प्रकट ज्ञान , ब्रह्म है अर्थात ब्रह्म ज्ञान स्वरुप है अर्थात शुद्ध ज्ञान ही ब्रह्म है
~~ॐ ~~
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