* कतरन -17 *
1 - परोपकारकी बातें करनें वाला मनुष्य स्वयंकी चाहको पूरा करनें में कौनसी कसर छोड़ रहा है ?
2 - सुरक्षा एक कारण है कि सभीं जीव झुण्ड
(परिवार )में रहते हैं और ज्योंही अपनें परिवार से अलग हो जाते हैं , उनमें अधिकाँश किसी और जीवका भोजन बन जाते हैं । क्या कारण हो सकता है कि आज मनुष्य परिवार में रहना पसंद नहीं कर रहा ?
3 - जो बुद्धि लालच की गुलाम है , उसे सभीं अपनें दिखते हैं , जबतक कुछ पानें की उम्मीद होती है पर ज्योंही उम्मीद टूटती है , सारा नक्शा बदल जाता है ।
4 - देखो सबको पर देखनें से अपनीं शांति न खोओ ,आपके पास जो है , उसे ही प्रभूका प्रसाद समझ कर मस्त रहो।
5 - आपके पास 11 इन्द्रियाँ , मन और अहंकार हैं जो आपको मस्त नहीं रहनें देना चाहते और इन सबके ऊपर एक वह परम ऊर्जा भी है जिसे जीवात्मा कहते हैं और जिसका देह में , हृदय केंद्र है ,वह मस्त रखना चाहती है । इस समीकरण को संतुलित करता है ,
ध्यान ।
~~~ ॐ ~~~
Friday, August 21, 2015
कतरन - 17
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दो बातें
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