Wednesday, March 31, 2021

सांख्य कारिका - 3 का शेष भाग

 पिछले अंक में सांख्य कारिका - 3 के आधार पर 25 तत्त्वों को दिखता गया और अब तन्मात्र , महाभूत , 05 ज्ञान इंद्रियों एवं 05 कर्म इंद्रियों के सम्बन्ध को देखते हैं 👇



Sunday, March 28, 2021

कपिल मुनि सांख्यदर्शन में मूल प्रकृति

 यहाँ यह दिखाया जा रहा है कि जड़ प्रकृति के ऊपर जब चेतन पुरुष का प्रकाश पड़ता है तब वह सक्रिय हो उठती है और उसके विकृत होनें से पहले सर्ग महत् ( बृद्धि ) की उत्पत्ति कैसे होती है ? और यहाँ से कारण - कार्य सांख्य सिद्धान्त का श्रीगणेश कैसे होता है ?

सृष्टि विकास की पूरी गणित सांख्य दर्शन देता है जिस सिद्धान्त को वैज्ञानिक ढूढ रहे हैं ।

आइये ! हम सब अब सावधानी के  साथ उतरते हैं , इस गणित में 👇



Saturday, March 27, 2021

सांख्य कारिका - 3 भाग - 1

 ईश्वरकृष्ण रचित सांख्य कारिकाओं की श्रंखला में आज हम तीसरी कारिका के भाग - 1 को देख रहे हैं।

तीन गुणों के साम्यावस्था का माध्यम , मूल प्रकृति है । इस अवस्था में यह निष्क्रिय होती है लेकिन इसे ज्योंकी पुरुष का प्रकाश मिलता है , यह सक्रिय हो उठती है और संर्गों की उत्पत्ति होती है । संर्गों से विसर्गों की उत्पत्ति ब्रह्मा द्वारा रचित है ।

देखिये निम्न स्लाइड को 👇



Friday, March 26, 2021

सांख्य कारिका - 2

 आज हम सांख्य कारिका - 2 को देख रहे हैं ।यहाँ तीन प्रकार के दुःखों को निर्मूल करने का उपाय बताया जा रहा है । दुःखों को दूर करने और निर्मूल करने को ठीक से समझना चाहिए । दुःखों को दूर करने के बाद भी दुःख लौट आते हैं क्योंकि उनके बीज हमारे अंदर रहते हैं। निर्मूल में दुःखों के बीज भी नष्ट हो जाते हैं अतः दुःखों की पुनरावृत्ति नहीं हो पाती । सांख्य दर्शन तीन प्रकार के दुःखों को निर्मूल करने का उपाय तत्त्व - ज्ञान बोध को बता रहा है , देखिये यहाँ👇



Thursday, March 25, 2021

सांख्य में तीन प्रकार के दुःख

 पिछले अंक में ईश्वर कृष्ण रचित सांख्य कारिका : 1भाग - 1 में कारिका के भाव को  समझा गया और अब भाग - 2 के अंतर्गत 03 प्रकार के दुःखों को समझते हैं ।

भारतीय दर्शन दुःख निवृत्ति और आवागमन से मुक्ति पाने के आधार पर विकसित हुए हैं ।

सांख्य - पतंजलि बहुत सुंदर योग की गणित देते हैं । यदि आप कौन सुनता है के साथ बने रहे तो आप ....

विषय से वैराग्य , वैराग्य में क्रमशः सम्प्रज्ञात समाधि , असम्प्रज्ञात समाधि , लिङ्ग लय , प्रकृति लय , कैवल्य और अंततः मोक्ष तक की मानसिक यात्रा को ठीक - ठीक समझ सकते हैं ।

चलिये , लौटते हैं 03 प्रकार के दुःखों पर 👇



Wednesday, March 24, 2021

सांख्य कारिका - 1 भाग - 1

 कपिल मुनिके  सांख्य दर्शन में ईश्वर कृष्ण द्वारा लिखी गयी 72 सांख्य कारिकाओं से हम मिल रहे हैं । 

इस यात्राके आज पहले दिन पहली कारिका से मिल रहे हैं । इस कारिका को दो भागों में दिया जा रहा है , आशा है , आप हमारे साथ बने रहेंगे ।

भारतीय दर्शन दुःख केंद्रित हैं और सांख्य दुःखों से मुक्त होने की दवा रूप में तत्त्व ज्ञान देता है ।

प्रस्तुत है , कारिका - 01 भाग - 1 👇



Tuesday, March 23, 2021

कपिल मुनि का प्रकृति - पुरुष आधारित सांख्य दर्शन

 कपिक सांख्य दर्शन परिचय का यह आखिरी अंक है। अगले अंक से ईश्वर कृष्ण रचित 72 कारिकाओं को हिंदी भाषान्तर के साथ प्रस्तुत किया जायेगा।

यह अंक पिछले अंको का सार मात्र है जिससे सांख्य दर्शन की कारिकाओं को समझने में कठिनाई न हो।

कपिल का प्रकृति - पुरुष केंद्रित द्वैतयबाद वेदांत के अद्वैतयबाद से भिन्न है।सांख्य दर्शन गणित जैसा है ।



Monday, March 22, 2021

कपिल सांख्य दर्शन भाग : 4 - 5

 अभीं तक हम महामुनि के समय , जीवन और उनके आश्रम के सम्बन्ध में देखते रहे और अब अगली दो स्लाइड्स में चौथे एवं पांचवें भाग के अंतर्गत सांख्य कारिकाओं के सम्बन्ध में तथा सांख्य दर्शन के केंद्र विंदु को देखने जा रहे हैं जो निम्न प्रकार से हैं 👇




Sunday, March 21, 2021

कपिल मुनि और उनका आश्रम

 श्रीमद्भागवत पुराणके आधार पर कपिल मुनि और उनके आश्रम विन्दुसर के सम्बन्ध में यहाँ कुछ और सूचनाएँ दी जा रही हैं । नीचे दी गयी दोनों स्लाइड्स आपको कपिल मुनि से जोड़ने का काम कर सकती हैं । अगले अंकों में कुछ और बातों पर चर्चा होगी। आगे चल कर हम 72 सांख्य कारिकाओं पर भी चर्चा प्रारम्भ करेंगे।






Saturday, March 20, 2021

कपिल और सांख्य दर्शन

आज से कपिल मुनि और उनके सांख्य दर्शन के सम्बन्ध में आपको लगभग प्रतिदिन कुछ न कुछ सूचनाएं मिलती रहेगी । हम हिन्दू हैं , हमारा धर्म सनातन धर्म है लेकिन हम अपनें इस सनातन धर्म के सम्बन्ध में जानते क्या है ? अकेले में परमात्मा को साक्षिणमां कर इस बिषय पर सोचना जरूर । केवल कहने मात्र से क्या होगा , जनाब कुछ अपनें को , कुछ अपनें सनातन धर्म को भी तो जानने की कोशिश कीजिए ! इस शृंखला के अंतर्गत पहले हम अपने प्राचीनतम दर्शन -सांख्य दर्शन में झांकने की कोशिश में 

महा मुनि कपिल जी को समझते हैं जो सांख्य के आदि गुरु हैं।



Thursday, March 18, 2021

प्रकृति - पुरुष क्या हैं ?

 सांख्य दर्शन और श्रीमद्भगवद्गीत में प्रकृति - पुरुष सम्बंधित कारिकाओं और श्लोकों से परिचय करें।

यहाँ गीता वेदांत आधारित है और कारिकाएँ कपिल मुनि के सांख्य दर्शन से हैं ।

वेदांत ईश्वर केंद्रित है और सांख्य में ईश्वर शब्द नहीं है।

अद्वैत्य और द्वैत्य में प्रकृति - पुरुष रहस्य से परिचित होइए । मदद के लिए निम्न स्लाइड को देखें 👇



Wednesday, March 17, 2021

महर्षि पतंजलि का चौथे प्रकार का प्राणायाम

 

महर्षि यहाँ पूरक , रेचक और कुम्भक से परे की स्थिति को चौथे प्रकार का प्राणायाम कह रहे हैं । आखिर यह प्राणायाम है , क्या ?

चौथे प्रकार के प्राणायाम के सम्बन्ध में गीता : 4.29 - 4.30 श्लोकों को भी साथ - साथ समझें ।

Monday, March 15, 2021

प्राणायाम क्या है ?

 प्राणायाम पतंजलि योगसूत्र में अष्टांगयोग का चौथा अंग है । आज से प्राणायाम की चर्चा प्रारम्भ हो रही है।

पतंजलि योग में प्राणायाम का अपना महत्त्व है । प्राणायाम श्वास के प्रति होश बनाने का प्रयोगात्मक विज्ञान है ।

आज इस अंक में हम श्वास सम्बंधित कुछ बुनियादी बातों को देखते हैं 👇



Sunday, March 14, 2021

योग दर्शन में आसन की परिभाषा क्या है ?

 महर्षि पतंजलि अपनें योगसूत्र के साधन पाद के सूत्र : 46 - 48 में आसन के संबंधनमें निम्न बातें बताते हैं 👇

1- योग में देह को जिस स्थिति में स्थिर सुख मिले , उसे आसन कहते हैं ।

2 - आसन - सिद्धि मिलनें पर सहज यत्न से चित्त परम् पर स्थिर हो जाता है और वह योगी निर्द्वन्द्व हो जाता है ।

👉इन बातों के सम्बन्ध में देखिये निम्न स्लाइड को 👇



अपने विचार

 ● अकेले रहते डर नहीं लगता लेकिन लोगों के बीच रहने में डरता हूँ ।

● सच्चाई से नहीं डरता , लेकिन सच्चाई न समझनेवालों से डरता हूँ ।

● प्रभु से सभीं माफ़ी माँगते हैं लेकिन स्वयं माफ़ नहीं करना चाहते !

● हाँथ की लकीरों में लिखा है जबतक जहाँ रहना , तबतक वहाँ रहना ही पड़ता है ।

● जिंदगी सबकुछ सिखा और समझ देती है लेकिन सिखता - समझता कौन है !

// ॐ //