पिछले अंक में ईश्वर कृष्ण रचित सांख्य कारिका : 1भाग - 1 में कारिका के भाव को समझा गया और अब भाग - 2 के अंतर्गत 03 प्रकार के दुःखों को समझते हैं ।
भारतीय दर्शन दुःख निवृत्ति और आवागमन से मुक्ति पाने के आधार पर विकसित हुए हैं ।
सांख्य - पतंजलि बहुत सुंदर योग की गणित देते हैं । यदि आप कौन सुनता है के साथ बने रहे तो आप ....
विषय से वैराग्य , वैराग्य में क्रमशः सम्प्रज्ञात समाधि , असम्प्रज्ञात समाधि , लिङ्ग लय , प्रकृति लय , कैवल्य और अंततः मोक्ष तक की मानसिक यात्रा को ठीक - ठीक समझ सकते हैं ।
चलिये , लौटते हैं 03 प्रकार के दुःखों पर 👇
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