Thursday, June 30, 2022

पतंजलि विभूति पाद सूत्र - 17 सिद्धि - 2 किसी जीव की भाषा को समझने की ऊर्जा प्राप्त करना

पतंजलि विभूति पाद सूत्र : 16 किसी के भूत बर्तमान और भविष्य का कैसे जाने

पतंजलि विभूति पाड में 46 सिद्धियों को प्राप्त करने की विधियों को बताते हैं । उनमें से आज देखिये पहली विधि जिसमें महर्षि बता रहे हैं कि किसी के भूत वर्तमान और भविष्य को कैसे जाना जा सकता है ⬇️

Tuesday, June 21, 2022

पतंजलि योग सूत्र में आसन क्या है ?

महर्षि पतंजलि योग की भौतिक बुनियाद आसन है । आसान से पतंजलि योगाभ्यास का दूसरा चरण प्रारम्भ होता है जो 04 प्राणायामों ,पहुँचाता है । अब आसन सम्बंधित साधन पाद के सूत्रों को समझते हैं ⬇️

Sunday, June 19, 2022

पतंजलि अष्टांगयोग का दूसरा अंग नियम

पिछले अंक में अष्टांगयोग के पहले अंग यम के 05 तत्त्वों को देखा गया जिनका जीवन भर अभ्यास करना होता है । अब अष्टांगयोग के दूसरे अंग नियम के 05 तत्त्वों को देखने जा रहे हैं जीको जीवत्न भर पालन करना है । नियम के बाद तीसरा अंग होगा आसनऔर प्राणायाम जिनको आगे आने वाले अंकों में देखा जा सकता है ।

Thursday, June 16, 2022

पतंजलि अष्टांगयोग प्रारम्भ

पतंजलि साधन पाद समाधि भाव , गुणातीत और कृतार्थ सम्बन्ध

यहाँ दो स्लाइड्स दी जा रही हैं जिनमें पहली स्लॉइड में साधन पाद के बिषयों को दर्शाया गया है और दूसरी स्लॉइड में सूत्र : 2,22 , 26 और 27 के भावार्थ माध्यम से समाधि , गुणातीत और कृतार्थ के सम्बन्ध को दिखाया गया है । पतंजलि योग के 04 पादों में 195 सूत्र गणित के सूत्र जैसे हैं , सब एक दूसरे के पूरक हैं , एक सूत्र की अस्पष्टिता आगे के सूत्रों को समझने में कठिनाई पैदा करती है अतः हर सूत्र को समझना अनिवार्य है । अभी तक समाधि पाद और साधन पाद के सूत्रों से समाधि के प्रति जिज्ञासा का भाव तो पैदा होता है लेकिन समाधि मिले कैसे ? इस प्रश्न के सम्बन्ध में ऋषि चुप से हैं । अब आगे के साधन पाद के सुत्रों में अष्टांगयोग साधना में प्रवेश करना है जहाँ से समाधि की खुशबू मिलने वाली है । अभीं अष्टांगयोग से पूर्व की स्थिति को देखते हैं ⬇️

Wednesday, June 15, 2022

पतंजलि साधनपाद में द्रष्टा - दृश्य रहस्य

पतंजलि साधन पाड़ में कुल 55 सूत्र हैं । इन सुत्रों को क्रियायोग , क्लेष , दुःख , द्रष्टा - दृश्य , कृतार्थ - समाधि और अष्टांगयोग के पांच अंगों में विभक्त करके हम यहाँ अध्ययन कर रहे हैं । आज हम द्रष्टा ( पुरुष ) और दृश्य ( प्रकृति ) के संबंध में देखने जा रहे हैं । हमारा अगला सोपान कृतार्थ - समाधि भाव होगा जबकि समाधि भाव को पहले भी देखा जा चूका है लेकिन कृतार्थ के साथ इसे पुनः देखना कृतार्थ को और अधिक स्पष्ट रूप में समझना संभव होगा ⬇️

Tuesday, June 14, 2022

सांख्य और पतंजलि योग सूत्र में दुःख

भारतीय दर्शनों का आधार दुःख है । सांख्य , पतंजलि , वेदांत , मीमांसा , वैशेषिका , जैन , बौद्ध आदि सभीं दर्शन अपने - अपने दुख से मुक्त होने के मार्गों का निर्माण करते हैं । सांख्य दर्शन और पतंजलि योग दर्शन दोनों एक दूसरे पर आधारित दर्शन हैं । सांख्य प्राचीनतम भारतीय दर्शन है और पतंजलि सांख्य का पूरक दर्शन के रूप मे बाद में सांख्य के आधार और विकसित किया गया हूं । आइये ! 05 सूत्र पतंजलि योगसूत्र जे और प्रारंभिक 02 कारिकाएँ सांख्य दर्शन की देखते हैं जो दुःख से सम्बंधित हैं