ईश्वरकृष्ण रचित सांख्य कारिकाओं की श्रंखला में आज हम तीसरी कारिका के भाग - 1 को देख रहे हैं।
तीन गुणों के साम्यावस्था का माध्यम , मूल प्रकृति है । इस अवस्था में यह निष्क्रिय होती है लेकिन इसे ज्योंकी पुरुष का प्रकाश मिलता है , यह सक्रिय हो उठती है और संर्गों की उत्पत्ति होती है । संर्गों से विसर्गों की उत्पत्ति ब्रह्मा द्वारा रचित है ।
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