Monday, January 3, 2022

क्या पाया क्या खोया

क्या पाया क्या खोया # जिंदगी से दो कदम आगे चलना ... मौत से दो कदम पीछे - पीछे रहना ... और संसार को मुट्ठी में बंद कर लेना ... सब की चाह होती है ... लेकिन क्या यह भी समझते हैं ! कि जिसने उसे पाया , उसे खाक बना दिया .. और जो न पा सका .. वह स्वयं को खाक बना दिया । चाह होनी जरूरी है , चाह बिना हम , हम नहीं .. लेकिन चाह का गुलाम बन के जीना .. कोई जीना नहीं ।। ~~ ●● ॐ ●●~~

No comments: