क्या पाया क्या खोया
 # जिंदगी से दो कदम आगे चलना  ...
 मौत से दो कदम पीछे  - पीछे रहना  ...
और संसार को मुट्ठी में बंद कर लेना ...
सब की चाह होती है ...
लेकिन क्या यह भी समझते हैं !
कि जिसने उसे पाया , उसे खाक बना दिया ..
और जो न पा सका ..
वह स्वयं को खाक बना दिया ।
चाह होनी जरूरी है , चाह बिना हम , हम नहीं ..
लेकिन चाह का गुलाम बन के जीना ..
कोई जीना नहीं ।।
~~ ●● ॐ ●●~~ 
 
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