अमेरिकन नंदा देवी लड़की भारत की नंदा देवी शिखर में समा गई , कैसे ! देखिए यहां ⤵️
अमेरिका में जन्मी नंदा देवी अनसोएल्ड (Nanda Devi Unsoeld) का संबंध भारत के नंदा देवी पर्वत के साथ एक दुखद घटना से है।
उनके पिता, विली उनसोएल्ड (Willi Unsoeld , जिनकी फोटो ऊपर दी गई है ) , एक प्रसिद्ध अमेरिकन पर्वतारोही थे, जिन्होंने 1963 में माउंट एवरेस्त के पश्चिमी रिज से पहली बार सफल चढ़ाई की थी। इनका भारत की नंदा देवी पर्वत से इतना प्यार था कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम नंदा देवी रख दिया था । दरअसल सन् 1949 में वे खुद नंदा देवी पर्वत के अध्ययन अभियान में शामिल हुए थे। सन् 1976 में, विली अनसोएल्ड ने अपनी बेटी नंदा देवी को लेकर नंदा देवी पर्वत के एक अभियान में भाग लिया। इस दौरान उनकी 22 वर्षीय नंदा देवी देती को अल्टीट्यूड सिकनेस (ऊंचाई की बीमारी) के गंभीर लक्षण दिखाई दिए। उनके शरीर में जन्मजात एक गुर्दे की समस्या (किडनी की असामान्य स्थिति) थी, जिसके कारण ऊंचाई पर शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ गया। हालांकि टीम ने उन्हें नीचे लाने की कोशिश की, लेकिन 1 नवंबर 1976 को बन्द देवी चढ़ाई में उनकी मृत्यु हो गई।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मृतकों के शवको नीचे लाना अक्सर संभव नहीं होता। इसलिए, नंदा देवी के शव को पर्वत की गोद में ही छोड़ दिया गया। इस तरह, वह सदियों से पूजे जाने वाले इस पवित्र पर्वत का हिस्सा बन गईं। कई लोग इसे आध्यात्मिक संयोग मानते हैं कि जिस पर्वत के नाम पर उनका नाम रखा गया था, उसी में उनकी अंतिम विश्रामस्थली बनी।
नंदा देवी पर्वत को स्थानीय लोग देवी का निवास मानते हैं और इसे पवित्र समझा जाता है। इस घटना ने पर्वतारोहण जगत में गहरी छाप छोड़ी, क्योंकि यह एक पिता-पुत्री के रिश्ते और प्रकृति की निर्ममता की मार्मिक कहानी है। इस प्रकार, नंदा देवी उनसोएल्ड का जीवन और मृत्यु नंदा देवी पर्वत के साथ एक अद्वितीय और भावनात्मक कड़ी बन गई।
उत्तराखंड में नंदा देवी राज जात यात्रा संभवतः संसार की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा होगी जो हर 12 वर्ष में एक बार निश्चित समय में मनाई जाती है । इस यात्रा में Nauti गांव से पैदल यात्रा होमकुंड में जा कर समाप्त होती है । इस यात्रा का संबंध नंदा को मायके से ससुराल (कैलाश ) भेजने से है ।
।।। जय मां नंदा देवी ।।।।