- कौन छोट है , कौन बड़ा है , यह सोच कहाँ से उठती है ?
- कौन सुन्दर है , कौन कुरूप है , यह सोच कहाँ से उठती है ?
- कौन अपना है , कौन पराया है , यह सोच कहाँ से उठती है ?
- अनुभवहीन ब्यक्तिकि ज्ञान की बातें रस रहित होती हैं , क्यों ?
- कहते हैं नानक दुखिया सब संसार , लेकिन मौत के नाम पर सभीं सिकुड़ते हैं , क्यों ?
- हम अपनें दुःख का कारण और को क्यों बनाते हैं ?
- सभीं परेशान है स्वयं से नहीं औरों से , क्यों ?
- आज नहीं तो कल ही सही कुछ पानें कि उम्मीद हमें एक दूसरे से जोड़ कर रखती है , क्यों ?
- कामना टूटते ही क्रोध क्यों उठता है ?
- कामना का अंत क्यों नहीं है ?
- दुःख में सभीं सिकुड़ते हैं और सुख में फैलते ते हैं , क्यों ?
===== ओम् =====
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