1- जहाँ हम हैं , वहाँ हर पल समझनें का पल है लेकिन हम और को क्या समझेंगे जब स्वयं को समझते की भी कोशिश नहीं करते ।
2- संसार एक ऐसा रंगमंच है जहाँ समझानें वाले अधिक और समझनें वाले न के बराबर हैं ।
3- संसार में लोग कामयाब होनें केलिए अपनेंको नहीं अपने रंगको बदलते रहते हैं पर सफलता पाना फिरभी कठिन ही दिखता है ।
4- इस संसार में झूठे ज्यादा कामयाब से दिखते हैं लेकिन उनके कामयाबी का रंग बहुत जल्दी फीका पढनें लगता है ।
5- इस संसारसे जितनें रोज जा रहे हैं ज़रा उनके मुह पर से कफ़न उठा कर देखना कि उनमें से कितनें मुस्कुराते हुए जा रहे हैं , शायद आपको कोई भी ऐसा न दिखे , आखिर ऐसा क्यों ? लोग प्रभुके पास पहुँचने केलिए लाख कोशिश करते हैं लेकिन जब जाना होता है तब सभींका मुह गिर जाता है ,क्यों ?
~~~ हरे कृष्ण ~~~
Monday, June 16, 2014
यहाँ क्या हो रहा है ?
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