Wednesday, August 17, 2022

पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र : 27 - 30 > जब समाधि टूटती है जब क्या होता है !

अब हम पतंजलियोग सूत्र दर्शन के 195 सूत्रों की श्रृंखला के अंतिम सोपान पर हैं । कैवल्य पाद के 34 सुत्रीं में से आज हम 30 वें सूत्र तक की यात्रा पूरी करने जा रहे हैं । परमहंस गुरुदेव रांमकृष्ण जी की जब समाधि टूटती थी तो वे रोने लगते थे और माँ काली के सामने घुठने टेके बुदबुदाया करते थे कि माँ आप यह क्या कर दिए । मुझे वहीँ रहने देते , मैं वहीँ थीक था । परमहंस जी की इस बात को लोग समझ नहीं पा। रहे थे । लेकिन उनकी ऐसी स्थिति क्यों होती थी ? प्रश्न का उत्तर पतंजलि यहाँ दे रहे है। योगिराज पतंजलि कह रहे हैं , " जब समाधि टूटती है तब विवेक की धरा टूटती है और ऐसी स्थिति में संस्कारों की वृत्तियॉ सक्रिय हो उठती हैं , फल स्वरुप साधक पुनः चित्ताधारित हो जाता है । अब सुत्रों को देखें

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