- क्रोध एवं मोह दोनों में देह में कंपन होता है
- क्रोध के कंपन की आबृति मोह के कंपन की आबृति से अधिक होती है
- क्रोध का केंद्र मुह में जबड़ों में होता है
- मोह का केन्द्र है नाभि
- मोह जोडनें की उर्जा रखता है
- क्रोध में तोड़ने की उर्जा होती है
- कामना , क्रोध में धनात्मक अहँकार होता है
- मोह में नकारात्मक अहँकार होता है
- मोह एक प्रकार की कामना ही है लेकिन इसका केंद्र है तामस गुण
- कामना काम ऊर्जा का रूपांतरण है और इसका केंद्र है राजस गुण
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