Thursday, March 7, 2024

भारतीय दर्शनों में शब्द क्या है ?

भारतीय दर्शनों में शब्द क्या है ? 

1- शब्द के संबंध में John Bible कहता है , “ In the beginning was the Word, and the Word was with God, and the Word was God “ ।

अर्थात

सृष्टि से पहले जब दृश्य - द्रष्टा नहीं थे तब जो था वह शब्द था । वह शब्द प्रभु के साथ था और वह शब्द ही प्रभु था । 

‘शब्द’ को ‘ब्रह्म’ कहा गया है । श्रीमद्भागवत पुराण में कहा गया है , “ जब न दृश्य था न दृष्टा , तब जो था ,  वह ब्रह्म है । ब्रह्म स्वतः दो भागों में विभक्त हो गया , एक भाग को त्रिगुणी माया कहते हैं और दूसरे भाग को पुरुष जो निर्गुण है । शब्द के संबंध में निम्न कुछ और संदर्भों को देखते हैं ….

 2 - श्रीमद्भागवत पुराण 3.5 - 3.10  में विदुर एवं ऋषि मैत्रेय वार्ता के अंतर्गत सृष्टि - निष्पत्ति संदर्भ में ऋषि मैत्रेय कहते हैं ,

 “ दृष्टा - दृश्य का अनुसंधान करता प्रभु की त्रिगुणी माया है जो कारण - कार्य रूपा है “ । 

काल की प्रेणना से अव्यक्त माया से महत्तत्त्व की निष्पति हुई । महत्  से तीन प्रकार के अहंकरो की निष्पति हुई । सात्त्विक अहंकार से मन की उत्पत्ति हुई , राजस अहंकार से 10 इंद्रियों की उत्पत्ति हुई और तामस अहंकार से शब्द तन्मात्र की उत्पत्ति हुई है । शब्द से आकाश महाभूत की उत्पत्ति हुई । आकाश से आत्मा का बोध होता है। 

3 - श्रीमद्भागत पुराण 3.26 में कपिल कहते हैं , तामस अहँकार के विकृत होने से शब्द तन्मात्र की उत्पत्ति हुई । 

शब्द से आकाश तथा शब्द का ज्ञान कराने वाली श्रोत इंद्रियों की उत्पन्न हुई । आकाश , प्राण , इन्द्रिय और मन का आश्रय है । यह सबके अंदर - बाहर सर्वत्र है ।

4 - श्रीमद्भागवत पुराण 11.24 में प्रभु श्री कृष्ण कहते हैं …

तामस अहंकार के विकृत होने से पांच तन्मात्रो की उत्पत्ति हुई और उनसे पांच महाभूतों की उत्पत्ति हुई है । 

शब्द से आकाश की उत्पत्ति हुई है। 

5 - सांख्य दर्शन और पतंजलि योग दर्शन कहते हैं ,

  तामस अहंकार से शब्द तन्मात्र की निष्पत्ति हुई और शब्द से आकाश महाभूत की उत्पत्ति हुई “।

6 - श्रीमद्भागवत पुराण 2.4 -2.6 ब्रह्मा नारद वार्ता में ब्रह्मा जी कहते हैं  , “ तामस अहंकार में विकार होने से  आकाश की उत्पत्ति हुई । आकाश का गुण और तन्मात्र शब्द है । शब्द से द्रष्टा और दृश्य का बोध होता है “ ।

ऊपर 06 संदर्भों में संदर्भ - 2 , 3 , 4 और 5 में तामस अहंकार से शब्द की निष्पत्ति बताई गई है और शब्द से आकाश की उत्पति की बात कही गई है जबकि संदर्भ - 6 में ब्रह्मा द्वारा आकाश से शब्द की उत्पत्ति बताई गई है। 

~~ ॐ ~~

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