- आज कौन जीना चाहता है ?
- आज कौन मरना चाहता है ?
- आज मनुष्य अपनें जीनें - मरनें का क्या मापदंड बना रखा है
- क्यों लोग भोग के लिए जीना और भोग के लिए मरना चाह रहे हैं ?
- आज क्यों लोग परमात्मा को पीठ पीछे रख रहे हैं ?
- आज क्यों मनुष्य की सोच नकारात्मक हो रही है ?
- आज जितना भय मनुष्य को मनुष्य से है उतना भय और किसी जीव से नहीं , क्यों ?
- आज का मनुष्य आखिर चाहता क्या है ? मात्रा कामना - काम की तृप्ति /
- आज वे सबहीं पराये से क्यों दिखाते हैं जो पहले अपने हुआ करते थे ?
Friday, December 21, 2012
केवल दो घडी , सोचना
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