- संगीत सुनना कौन नहीं चाहता ?
- नृत्य देखना कौन नहीं चाहता ?
- कौन प्रभु के समीप है ; कंश जो सोते - जागते हर पल कृष्ण को देखता रहता था
- या
- फिर वह जो अपनें को भक्त जैसा दिखाना तो चाहता है पर कभीं स्वप्न में भी कृष्ण को नहीं देखा ?
- ऐसा कौन होगा जिसकी नजर राह के किनारे बनें गुरुद्वारा , मंदिर , मस्जिद एवं चर्च पर न टिकती हों ?
- ऐसा कौन होगा जिसके दिल की धडकन किसी मौत की खबर सुन कर न बढ़ती हो ?
- ऐसा कौन होगा जो अपनें को अपनें दिल से किसी से छोटा समझता हो ?
- ऐसा कौन होगा जो अपनें बेटी - बेटे का गुण न गाता हो ?
- ऐसा कौन बेटा होगा जो अपनी माँ के सामनें न झुकता हो ?
- ऐसा कौन होगा जिसकी मूंछें उसकी पत्नी के सामनें आनें पर न झुकती हों ?
- ऐसे कितनें होंगे जो प्रभु को कामना रहित मनोभाव से देखते हों ?
- कोई खोनें को तैयार नहीं और पानें के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता , क्या यह संभव भी है ?
- मनुष्य दो दुखों के बीच के अंतराल को सुख क्यों समझता है ?
- ऐसे कितनें हो सकते हैं जिनके लिए सुख - दुःख नाम की कोई गणित न हो ?
=== ओम् ========
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आपकी यह रचना कल गुरुवार (20-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
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