Monday, September 20, 2021

भागवत पुराण आधारित भारत वर्ष की सीमाएं

 श्रीमद्भगवत पुराण स्कन्ध - 5 में भूमंडल का भूगोल दिया गया है । जितने भी कथा वाचक हैं , सब का केंद्र भागवत स्कन्ध - 10 है । क्या आप जानते हैं कि काशी में स्थित विद्वत सभा सन् 1940 के आस पास भागवत से स्कन्ध - 10 को हटाने का प्रस्ताव रखा था और आज वही स्कन्ध - 10 भागवत का मुख्य आधार बना दिया गया है। करपात्री जी के विरोध के कारण स्कन्ध - 10 को भागवत से नहीं हटाया जा सका ।

भागवत स्कन्ध - 5 पर कथा वाचक चुप रहते हैं , कारण क्या हो सकता है , मुझे पता नहीं । 

07 द्वीपों में बटे भूमंडल का केंद्र है जम्बू द्वीप जो चारो तरफ से खारे पानी के सागर से घिरा हुआ है । जम्बू का केंद्र है इलावृत्त क्षेत्र जिसके केंद्र में है - मेरु पर्वत । इलावृत्त पृथ्वी का केंद्र माना जाता है और यह शिव क्षेत्र होने के साथ ब्रह्मा - इंद्र आदि देवताओं का निवास भी है।

नीचे स्लाइड में आप हिमालय और भारत वर्ष की भौगोलिक स्थिति को वैज्ञानिक दृष्टि से देखें और समझें कि इस सम्बन्ध में क्या आपकी पहले की सोच ठीक है ?

नाभि के पुत्र ऋषभ जी को हिन्दू लोग 08 वे अवतार के रूप में देखते हैं । ऋषभ देव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भी हैं । ऋषभ जी पहले मनु के पुत्र प्रियव्रत के पौत्र हैं । ऋषभ जी के बड़े पुत्र भरत हैं जिनके नाम पर अजनाभ वर्ष को भारत वर्ष की संज्ञा दी गयी।

अब स्लाइड को देखते हैं ⬇️



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