यह जिंदगी एक अजीब पहेली है और किस्मत और भी अधिक गहरी पहेली है । बस ! एक कदम आगे निकालते ही जिंदगी की दिशा तय हो जाती है फिर उसे बदलने का कोई उपाय नहीं होता। मनुष्य की आँखे केवल और केवल आगे देखने के लिए बनायीं गयी हैं , पीछे देखने का कोई उपाय नहीं थीक इसी तरह जिंदगी में कभीं आगे चल कर पीछे लौटने का कोई उपाय नहीं क्योंकि जिंदगी का हर कदमकी दिशा को किस्मत तय करती है ।
जिंदगी का हर कदम किस्मत के बनाये मार्ग पर ही होता है , और कहीं हो भी नहीं सकता लेकिन अहँकार हमें यह महसूस कराता रहता है कि तुम्हारा यह कदम ठीक वहां पड़ा है जहाँ तुम चाहते थे ।
जिंदगी कई एक ऐसी रस्सियों से बधी होती है जिसका इल्म बुद्धि को नहीं होता । किस्मत अपनें द्वारा पूर्व निर्धारित दिशा में ले जा रही है लेकिन इसे हम समझ नहीं पा रहे ।
हमारी सारी खोज सुख प्राप्ति केंद्रित हैं । दुःख मिलता भी है लेकिन वह क्षणिक होता है और उसका फल दुःख का होता है । हमारा हर यत्न सुख खोज रहा है और फिर भी हम दुखी हैं और सभीं जीवधारियों में अपने को सबसे अधिक विकसित बुद्धि वाला प्राणी मानते हैं - क्या यह एक भ्रम नहीं ?
~~ अगले अंक में क्रमशः ~~
Wednesday, September 15, 2021
जिंदगी और किस्मत
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एक कदम और
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