Friday, November 18, 2011

आप की उम्र क्या है

क्या कारण है कि मनुष्य के जीवन में चालीस साल तक की उम्र अपनी

एक अलग जगह रखती है?

अब आप देखना ….

जयशंकर प्रसाद कामायनी की रचना लगभग चालीस साल की उम्र में की

तुलसीदास जी चालीस साल की उम्र में रामचरितमानस की रचना प्रारम्भ की

बुद्ध को चालीस साल की उम्र में परम सत्य दिखा

महाबीर को चालीस साल की उम्र में संसार एक भ्रम सा दिखनें लगा

आदि गुर ु नानकजी साहिब को तीस साल की उम्र में बोध हुआ

रामकृष्ण परम हंश को परम सत्य का बोध हुआ जब वे अभीं 15 साल के भी नहीं हुए थे

आदि शंकराचार्य का जीवन ही चालीस साल से भी कम का रहा है

मीरा,रहीम को बाल कृष्ण सर्वत्र दिखानें लगे जब उनकी उम्र अभीं प्रौढा अवस्था में भी नहीं पहुंची थी रमण महर्षि एवं चैतन्य महा प्रभु को बोध हुआ जब उनकी उम्र तीस स्साल के आस पास रही होगी अलबर्ट आइन्स्टाइन को42साल की उम्र में नोबल पुरष्कार उस बिषय पर मिला जिसको वे अपनी21साल की उम्र में अनुभव की थी/

यदि आप नोबल पुरष्कार विजेताओं को देखें तो आप को ताजुब होगा की लगभग 85% लोगों को

उन – उन बिषयों पर पुरष्कार मिला है जो उनके प्रारंभिक बिषय थे अर्थात जिनके बारे में उनको सोच प्रारंभ हुयी थी लगभग 15 – 25 साल की उम्र में और उसका परिणाम मिला उनको लगभग 35 साल की उम्र से 70 साल की उम्र के मध्य जा कर /

विश्व के अति माने जानें वाले मनोवैज्ञानिक Jung कहते हैं , शायद ही कोई ऐसा मिले जिसकी उम्र चालीस साल पार कर रही हो और उसके दिमाक में परमात्मा की सोच न हो ; जुंग का परमात्मा कौन है ? जुंग का परमात्मा परम सत्य है , वह परम सत्य जो संसार को चला रहा है /

आप की उम्र क्या है?ज़रा विचार करना और अपने को देखनें का प्रयाश पकरना क्या पता--- ?


======ओम्======




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