Tuesday, October 25, 2011

क्या अब्यक्त अमावस्या जैसा ही है

दीपों का त्यौहार आखिर आ ही गया

सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सभीं सूचनाओं में परम ऊर्जा का संचार हो,मैं तो प्रभु से यही मांगता हूँ/

कहते हैं , भगवान महाबीर एक ऐसे महान आत्मा हैं जो अमावस्या के दिन पैदा हुए , अमावस्या को उनको ज्ञान मिला और अमावस्या को वे अपना शरीर त्यागे अर्थात महाबीर का सबकुछ अँधेरे में घटित हुआ और इनके बिपरीत बुद्ध का जन्म हुआ पूर्णिमा की रात में ज्ञान की प्राप्ति हुयी पूर्णिमा की रात में और अपना शरीर त्यागा पूर्णिमा की रात में / महाबीर और बुद्ध लगभग समकालीन थे , लगभग इन दोनों का कार्य – क्षेत्र भी काशी से नालंदा के मध्य रहा लेकिन दोनों दो नदियों की भांति समानांतर बहते रहे कभी उनमें टकराव न हुआ /

दीपावली पांच रातों का त्यौहार है,कुछ इस प्रकार-------

पहला दिन – धन त्रयोदसी

दूसरा दिन – नरकासुर चतुर्दसी

तीसरा दिन – अमावस्या , लक्ष्मी पूजन [ मुख्य रात ]

चौथा दिन – एक्कम , गोबर्धन पूजा

पांचवा दिन – यम द्वितीया

दीपावली हार साल हम मनाते हैं क्या कभी कोई ऎसी बात भी हमारे अंदर उठती है जो तन , मन एवं ह्रदय में एक अलग उर्जा का प्रवाह उत्पन्न करती हो ? जी नहीं , त्यौहार आते हैं और जाते हैं और हम मुर्दे की भांति पड़े रहते हैं / त्यौहार क्या करेंगे ? यहाँ तो स्वयं अवतार लेते हैं प्रभु , फिर भी हम जैसे हैं वैसे ही बनें रहते हैं / श्री राम समुद्र पार तक की यात्रा किये और रावण को मारा लेकन उनके साथ कितने मनुष्य थे ? कहते हैं , मनुष्य का मष्तिष्क पशु - पंछी के मष्तिष्क से अधिक विकसित होता है लेकिनत्रेता - युग में श्री राम को पहचाननें वाले इन्शान न थे , पशु - पंछी ही थे /

धन त्रयोदसी धन पूजन के लिए है , नरकासुर चतुर्दसी श्री कृष्ण - नरकासुर के युद्ध की याद दिलाती है , अमावस्या महाबीर के तप की स्मृति को ताजी करती है औरगोबर्धन पूजा में इन्द्र का अहंकार किस प्रकार पीघल कर श्रद्धा में रूपांतरित हुआ , इस बात कि याद दिलाती हैऔर आखिरी है यम द्वितीया जो यह याद दिलाता है कि चाहे जो भी करो लेकिन एक दिन यम के पास तो जाना ही होगा //

अमावस्या के बात पूर्णिमा भी आती है

रात के बाद दिन भी आता है

दुःख के बाद सुख भी आता ही है

फिर क्या घबडाना , जो आया उसे स्वीकारो और जो आनें वाला है उसे आनें दो //

All informations are in time- space four dimensional frame where time coordinate indicates the various changes and every one should be conscious enough to understand the ULTIMATE REALITY .


====== ओम् =====


1 comment:

Atul Shrivastava said...

आपको और आपके परिवार को दीप पर्व की शुभकामनाएं......