<> कैसा कौन सा वैज्ञानिक कारण हो सकता है कि भारत आबादी की दृष्टि से सदैव सर्पोपरि रहा है। आइये चलते हैं श्रीमद्भागवत पुराण में और देखते हैं कि उस समय भारतमें आबादी की क्या स्थिति रही होगी ?
1-भागवत :10.50> जरासंध नालंदा बिहार से मथुरा पर श्री कृष्ण से युद्ध करनें हेतु 18बार आक्रमण किया । हर बार उसके पास 23 अक्षौहिणी सेना होती थी और सारी सेना मारी जाती
थी । 18 बार में जरासंधके कुल 90,541,800 सैनिक मारे गए । अब आप इस गणित के बारे में सोचें ।
2-भागवत :10.50 > मलेक्ष राज
कालयबन 03 करोड़ मलेक्षों की सेना के साथ मथुरा पर आक्रमण किया था और सारी सेना मारी गयी थी ।यह बात इस समय की है जब 18वीं बार जरासंध अपनें 5,030,100 सैनिकों के साथ चढ़ाई किया था अर्थात एक समय में मथुरा में माते गए सैनकों की संख्या हुयी 3 करोड़ 50 लाख 30 हजार एक सौ।
इतनी मौतें एक साथ एक शहर में !
3-भागवत :9.30> शशि बिंदु की रानियों की संख्या थी 10,000। हर रानीसे पुत्र थे 100,000 अर्थात कुल पुत्रों की संख्या हुयी one billion ( एक अरब ) ।एक राजा के पुत्र जन एक अरब हैं तो पूरे भारत की आबादी जी क्या स्थिति रही होगी ?
4- भागवत : 9.8> सम्राट सगर के 60,000 पुत्र गंगा सागर पर कपिल मुनि के तेज से भष्म हुये थे , एक ही समय ।
5-भागवत :10.90 > सम्राट उग्रसेन के पास एक नील सेना थी और फ्वारका के आस पास की टापुओं पर रहती थी । द्वारका जा क्षेत्रफल था 45 वर्ग मील ।
(10,000,000,000,000)
<> देखा आपनें ! अगले अंक में कुछ और ऐसे उदाहरण आप देख सकते हैं ।
~~हरे मुरारी ~~
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