** बुद्धके सम्बन्ध में कुछ बातें **
1- बुद्ध का ब्याह यशोधराके साथ 16 साल की उम्र में हुआ ।
2- ब्याहके 13 साल बाद राहुलका जन्म
हुआ ।
3- घर त्यागके 5 साल बाद 35 साल की उम्रमें बोधगया में 49 दिन तक निर्जला ध्यान में डूब जानें पर बुद्धत्वकी प्राप्ति हुयी ।
4- बुद्ध महल त्याग कर जब सत्य की खोज में राजागृह ( नालंदा के पास ) पहुँचे तब उनके साथ पांच और लोग उनसे जुड़ गए थे जिनमें वह वेदांती भी था जिसनें बुद्धके जन्मके समय स्पष्ट रूप से कहा था कि यह बुद्ध है और बुद्ध रहेगा , सम्राट नहीं बन सकता ।
5- बुद्धत्व प्राप्ति के सात साल बाद बुद्ध कपिलवस्तु गए और बस्ती से बाहर एक बाग़ में अपनें कुछ भिक्षुओंके साथ रुके । यशोधरा बद्ध से मिली और पूछा , " क्या आप यह बताएँगे कि जिसकी प्राप्ति आपको घर - परिवार त्याग से मिली , क्या उसकी प्राप्ति यहाँ महल में रह कर नहीं की जा सकती
थी ?"। रविन्द्रनाथ टैगोर जी इस सम्वन्ध में रचित कविता कहती है कि बुद्ध कुछ बोले
नहीं , उनका मौन ही जबाब था ।
6- यशोधरा अपनें पुत्र राहुल को भेजा , पिता से मिलनें हेतु और राहुल जब बुद्ध की छाया में पहुँचे तब तन - मन दोनों बुद्ध को अर्पित हो
गए और फिर लौट कर राज महल न
आसके ।
<> वे जो जागने केलिए करवटें बदल रहे होते हैं , जब बुद्धके उर्जा क्षेत्र में पहुँचते हैं तब वे स्वतः बुद्ध में समा जाते हैं , उनके लिए उनका कोई अस्तित्व नहीं रह जाता और इस घटना को ही
कहते हैं -
" बुद्धम् शरणम् गच्छामि " ।
~~ ॐ ~~
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