Saturday, April 9, 2011

चन्दन लगाना ही ध्यान विधी है


ललाट का चन्दन


माथे या ललाट पर लगा चन्दन दूर से दिखता है और इसके लगाने के

पीछे कुछ बातें हैं;


पहली बात है कि माथे का चन्दन दूर से दिखता है और इसका आकार – प्रकार उस

परम्परा को दर्शाती है जिस परम्परा का वह ब्यक्ति होता है|

भारतीय प्राचीनतम परम्परा में शिष्य और गुर ू परम्परा साधना में अपनी एक अलग

जगह रखती है|माथे पर लगाया हुआ चन्दन यह बताता है कि यह ब्यक्ति

किस गुरू का शिष्य है?

दूसरी बात जो माथे का चन्दन बताता है वह है …......

यह ब्यक्ति की साधना में कौन सी स्थिति है?


माथे का चन्दन चन्दन लगानें वाले का ध्यान अपनें ऊपर रहता है अर्थात ध्यान

तीसरी आँख पर हर पल रखना अपनें में स्वयं ही एक सहज ध्यान है|

चन्दन जैसे-जैसे सूखता जाता है वैसे-वैसे यह वहाँ की त्वचा को सिकोड़ता रहता है

और यह उसका कृत्य चन्दन लगानें वाले के ध्यान को अपनी ओर खीचता रहता है|


माथे पर लगा चन्दन अपनी ओर अर्थात तीसरी आँख पर ध्यान को खीच कर मन को

विचार शून्यता की स्थिति में रखनें का प्रयाश करता है और मन – विचार शून्यता परम्

ध्यान की स्थिति होती है |


अगले अंक में माथे के चन्दन के बिषय पर कुछ और बातें देखनें को मिल सकती हैं||


===========ओम=================



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