प्राणायाम
प्राणायाम क्या है?
पतंजलि योग सूत्रों में एक नहीं एनेक ध्यान की विधियाँ बताई गयी है जैसे शिव योग सूत्रों में
और सब का एक विज्ञान है जिसका आधार है श्वास के माध्यम से तन,मन और बुद्धि को
निर्विकार बनाना/
प्राणायाम दो शब्दों से मिल कर बना है;प्राण और आयाम/वह आयाम जहां हम यह
अनुभव करनें लगते हैं की प्राण नाम की कोई चीज हमारे देह में है जिसके होनें से हम हैं/
पतंजलि - योग विज्ञान का एक मूल सिद्धांत है , कुछ इस प्रकार … ......
देह मे स्थित जीवात्मा को निर्विकार बनाना//
जीवात्मा के लिए आत्म,जीवात्मा,परागात्मा और प्रत्यागात्मा ये चार शब्द दिए गए हैं/
आत्मा वह निर्विकार माध्यम है जिसको परमात्मा का अंश कहा गया है,प्रभु श्री कृष्ण
कहते हैं[गीता- 10 . 20 ] …....
अहम् आत्मा गुणाकेश
जब जीवों के देह में यह आत्मा प्राण के रूप में आता है तब उसको जीवात्मा कहते हैं/
जीवात्मा इन्द्रियों एवं मन के कारण विकार यक्त हो जाता है और इस जीवात्मा को परागात्मा
कहते हैं/
विकारों से मुक्त जीवात्मा को योग विज्ञान में प्रत्यागात्मा कहते हैं/
दस प्रकार की श्वासें हैं;जिनके नियोजन को प्राणायाम कहते हैं/
श्वासों के माध्यम से परागात्मा को प्रत्यागात्मा में बदलना ही पतंजलि योग का मुख्य लक्ष है/
भोक्ता आत्मा को द्रष्टा आत्मा में वापिस ले आना ही प्राणायाम है//
======ओम========
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