एक इंशानियत को छोड़ कर …....
यहाँ सब कुछ चल रहा है//
भारत में आम आदमियों को मदद देनें वाली कितनी संस्थाएं हैं?
भारत में दुनिया में सबसे अधिक ट्रस्ट हैं और सबके सब गरीबी दूर करनें में लगे हैं;कोई बच्चों की भलाई में लगे हैं,कोई गर्भवती महिलाओं की भलाई में लगे हैं,कोई बुजुर्गों की सेवा में लगे हैं और कोई कोडियों की सेवा कर रहे हैं लेकिन देश के आइनें में इनकी तस्वीर कैसी दिखती है?
बिलगेट से लेकर चौधरी नानू तक सबके सब लोगों की सेवा में इतने ब्यस्त हैं की यह भी भूल गए हैं की वे क्या कर रहे हैं?
कोई स्वयं को बदलनें की बात नहीं सोचता सब दूसरों को बदलनें में लगे हैं लेकिन परिणाम क्या निकल रहा है?क्या ट्रस्टों का पैसा लोगों तक पहुँच भी पा रहा है?क्या भरे पुरे लोग दिल से कमजोर लोगों की भलाई करना चाहते हैं?भारत में ट्रस्टों की संख्या सारे संसार में सबसे अधिक है और कुछ देशों को छोड़कर भारत में भीखारियों की भी संख्या सबसे अधिक है,आखिर बात क्या है,क्यों जैसे-जैसे ट्रस्ट बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे गरीबी भी बढ़ रही है?
हमें तो ऐसा लग रहा है की एक हाँथ के पैसे को दूसरे हाँथ में रखा जा रहा है और दूसरे हाँथ के पैसे को पहले वाले हाँथ में वापिस लाया जा रहा है और इस मेकैनिज्म का नाम है ट्रस्ट//
=====ओम=======
No comments:
Post a Comment