Sunday, March 4, 2012

जीवन दर्शन - 23

कामना क्रोध की जननी है
क्रोध अज्ञान का लक्षण है
सघन आसक्ति कामना का गर्भ है
काम , कामना , क्रोध एवं लोभ नर्क के द्वार हैं
काम , कामना क्रोध एवं लोभ राजस गुण के तत्त्व है
राजस गुण प्रभु मार्क की मजबूत रुकावट है
राजस् गुण की ऊर्जा का ही नाम है काम - उर्जा
तंत्र में काम ऊर्जा को रूपांतरित करके परम सत्य के खोज की ऊर्जा बनाया जाता है
राजस गुण की ऊर्जा जब निर्विकार होती है तब राम की छाया मन दर्पण पर दिखती है
राजस गुण से ही सात्त्विक गुण का द्वार खुलता है
सात्त्विक ऊर्जा से तत्त्व - वित् के देह के सभीं नौ द्वार प्रकाशित रहते हैं
====== ओम् =======

No comments: