आप पहले इनको सुनो .......
और फिर ......
इनको जाननें की कोशिश करो .....
और तब .......
जो आनंद आप को मिले ......
उसे ......
अपनों में बाटो
[क] राग में संसार रंगीन दिखता है
और
वैराग्य में ब्रह्म दिखता है ॥
[ख] आसक्ति में वासना
और
बिरक्ति में प्रभु की खुशबू मिलती है ॥
[ग] अहंकार संसार से
और
प्रीति प्रभु से जोड़ कर रखती है ॥
[घ] चाह में संसार एक खिलौना - घर सा दिखता है ......
और
समभाव में प्रभु इस खिलौना - घर का निर्माता दिखता है ॥
[च] संदेह संसार में भोग मार्ग पर चलनें की ऊर्जा देता है ....
और .....
प्रीति की ऊर्जा प्रभु में पहुंचाती है ॥
==== ॐ ========
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