Tuesday, March 22, 2011

प्रभु को कैसे खोजें


प्रभु को कैसे खोजें?


प्रभु को पाना संभव है ,

और इसके लिए दो रास्ते हैं ;

एक रास्ता है ---- कोई नर साधना से अपनें अंदर नारी को खोज ले ।

और दूसरा रास्ता है ---- कोई नारी अपने अंदर छिपे नर को साधना के माध्यम से

तलासे ॥

भारत अर्धनारीश्वर के रूप में शिव की आराधना कब से कर रहा है , कुछ कहना संभव नहीं

लेकीन प्राचीनतम खुदाइयों में जो मूर्तियाँ मिली हैं उनमें अर्धनारीश्वर की मूर्ती प्रमुख है ।

शिवलिंगम के रूप में शिव - साधना के प्रमाण सिंध घाटी की सभ्यता की खुदाइयों में मिले हैं

और यह कहा जा सकता है की किसी न किसी रूप में काम के माध्यम से परम सत्य की खोज

का मार्ग अति प्राचीनतम है ।

C. G. Jung बीसवीं शताब्दी के मध्य में बोले -----

हर नारी में नर होता है .....

और ----

हर नर में नारी होती है ॥

जब यह बात लोगों तक पहुंची तो वैज्ञानिक इस बात पर जुट गए की ......

क्या यह संभव है की -----

लिंग परिवर्तन किया जा सके ?

और आज कोई भी नर नारी बन सकता है और कोई भी नारी नर ॥

भारत अर्धनारीश्वर की पूजा में मस्त हैं , वह यह नहीं जाननें की कोशीश किया की -----

अर्धनारीश्वर तंत्र साधना का एक अंग है और मूलतः तंत्र काम - साधना का क्षेत्र है ।

सी जी जुंग भारतीय उपनिषद , गीता और वेदों में रमते थे और उनक संस्कृत भाषा का

बहुत अच्छा ज्ञान था ।

हमारे पुर्बज हमें जो दे गए हैं , चाहे वह शात्र हों या वेद उनकें हमें वह ज्ञान मिल सकते हैं

जो आज पश्चिम में प्रयोगशालाओं से निकल रहे हैं ॥

==== ओम ======




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