भारत जिसको चलानें वाला स्वयं प्रभु हैं ।
यहाँ जो कुछ भी घटना घटती है ,
उसे परमात्मा के ऊपर छोड़ दिया जाता है
और पता नही कैसे सब अपनें आप ठीक को जाता है ॥
भारत आज कल न्यूक्लिअर ऊर्जा से बिद्द्युत पैदा करने के लिए
क्या - क्या नहीं कर रहा , तमाम अडचनों के बाद , महारास्त्र
के रतनागिरी जिले में पश्चिमी समुद्री तट पर एक
न्यूक्लिअर ताप गृह का निर्माण प्रारम्भ ही होने वाला था
की जापान में एक हादसा ऐसा हुआ की सारी दुनिया
हिल गयी लेकीन भारत के लोग आज भी अपनी - अपनी मूंछें ऊपर किये हुए हैं ॥
आकडे कहते हैं :=======
संन 1985 से 2005 के मध्य जैतापुर के इलाके में लगभग 92 अर्थ क्वेक
आ चुके हैं जिनमें सन 1993 में जो क्वेक आया था उसकी तीब्रता लगभग 6.2 थी ।
जैतापुर का इलाका seismic zone 3 category के अन्दर
आता है और हमारे देश के नेता लोग जिनमें
से तीन चौथाई लोगों को भूकंप - विज्ञान का क , ख और ग
का भी पता नहीं है वे लोग इस बात पर अड़े हैं की जब भी
यह ताप घर बनेगा तो जैतापुर में ही बनेगा
और यदि ऐसा न हुआ तो हमारी मूछ नीची हो जायेगी ।
अरे भाई , इतना बड़ा देश है कोई ऎसी जगह
क्यों नहीं देखते जो सिस्मिक जोंन से परे हो ॥
आप ज़रा गूगल मैप पर जीता पुर की लोकेसन को देखें ---------
क्या ऎसी कोई और जगह नहीं जो सोस्मिक जोने से परे हो ?
आगे प्रभु ही मालिक है
===== ॐ =========
1 comment:
सार्थक पोस्ट ... जब नेताओं की आँख खुले तो समझो
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