दो के मध्य द्वन्द का कारण तीसरा होता है
वह तीसरा ब्यक्ति , बस्तु या फिर भ्रम हो सकता है
मनुष्य कभी अकेला नहीं रहता,अकेला पन यातो मनोरोगी बनाता है या प्रभु मय बनाता है
दो के मध्य तीसरे का होना स्वर्ग या नर्क का द्वार खोल सकता है
मन स्तर पर अकेला होना साधना है
भौतिक स्तर पर संसार में अकेला होना पागल पन ला सकता है
अन्तः करण में अकेला पन ब्रह्म सरोवर होता है
राम शब्द बहुतों के नाम का हिस्सा है लेकिन कितनों के ह्रदय में राम है?
होठों पर राम नाम का होना अहंकार को मजबूत बना सकता है ह्रदय का राम राम धाम होता है
रामलीला करनें वाले – देखनें वाले अनेक हैं लेकिन उनमें से कितनों के दिल में राम बसा होता है
=====ओम्======
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