आखिर कबतक राम रहीम के मध्य दिवार बनी रहेगी ?
आखिर कबतक जाति के नाम पर हम अपना उल्लू सीधा करते रहेंगे ?
आखिर कबतक सरल मार्ग की तलाश हमें भटकाती रहेगी ?
आखिर कबतक गरीब – अमीर की पीठें एक दूसरे के सामनें रहेंगी ?
आखिर कबतक मैं और तूं दो बनें रहेंगे ?
आखिर कबतक अपनें को अपनों से दूर रखोगे ?
आखिर कबतक अहंकार की सवारी करते रहोगे ?
आखिर कबतक कामना की नशा छायी रहेगी ?
आखिर कबतक मोह की रस्सी में बधे रहोगे ?
आखिर कबतक अपने पतन का कारण किसी और को बनाते रहोगे ?
====ओम्=======
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