अहंकार अपरा प्रकृति का एक मूल तत्त्व है
माया तीन गुणों एवं दो प्रकृतियों का जोड़ है
अपरा प्रकृति के आठ तत्त्व हैं[पञ्च महाभूत,मन,बुद्धि अहंकार]
परा प्रकृति चेतना का ही नाम है
अहंकार का स्वभाव कछुए के स्वभाव से मिलता है ; कभी अंदर तो कभी बाहर
राजस गुण का अहंकार फैलाता है
तामस गुण का अहंकार सिकोड़ता है
सात्विक गुण का अहंकार सीधे नर्क में ले जाता है
अहंकार मनुष्य को न जीनें देता है न मरनें
तेरा - मेरा , अच्छा - बुरा की सोच अहंकार की ऊर्जा का संकेत है
====ओम्=====
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