पहले बताया जा चुका है कि अष्टावक्र और आचार्य बंदी का शास्त्रार्थ दो रूपों में दिया गया है ; पहले रूप में पौराणिक संख्या आधारित बिषयों पर चर्चा है जिसे यहाँ दिखाया जा रहा है और दूसरी चर्चा वेदांत आधारित है जिसे इस चर्चा के पूरा होने के बाद प्रारम्भ की जायेगी ।
आइये ! अभीं चलते हैं शास्त्रार्थ की चौथी कड़ी को स्पर्श करने⬇️
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