Wednesday, November 10, 2010

लौट आये ----- ?

पत्नी, पति को देख कर कहती हैं --------
क्या हुआ , रास्ते में, की आप वापिस आगये ?
सुबह चार बजे उठे , नहाया - धोया , नास्ता तक नहीं किया , कह रहे थे , ब्रह्म सरोवर में नहा कर
पूजा करनें के बात वहीं कुरुक्षेत्र में नास्ता करूंगा और अभी घंटे भर भी न हुआ की लौट आये ?
पति का मूड खराब सा दिख रहा था
और धीरे से बोले ------
एक कप चाय यदि मिल जाती तो -----
पत्नी उठी एक कप चाय बना कर ले आयी और धीरे से बोली , आखिर बात क्या थी ------ ?
पति कहते हैं - क्या बताऊ , बश मन खराब सा हो उठा और नेसनल हाई- वे से ही वापिस हो लिया ।
पत्नी पूछती हैं , अरे बात तो बताओ की मन कैसे खराब हो गया ?
पति कहने लगे .....
मेरे सामनें एक सात आठ साल के स्कूली बच्चे को एक ट्रक वाला कुचल कर भाग गया , लोग और मैं
देखते ही रह गए । यही कारण है , मन खराब होनें का ।

पति जिसको मन खराब होनें का कारण बता रहे हैं ,
उस स्थिति के बारे में सोचना ।
जारहे थे उस स्थान को देखनें जहा संसार का पहला विश्व - युद्ध लड़ा गया था और आ गए वापिस एक
मौत को देख कर । जिस को मन खराब होनें का कारण बता रहे हैं - पतीजी ,
उस स्थिति को एक बार आप भी पुनः सोचो ।
बहुत से ऐसे मौके जीवन में मिलते हैं जहां से जीवन मार्ग एक मोड़ लेता है ।
यदि यह हादसा उनके जिगर में उतर गया होता तो .......
घर आकर चाय न माँगते ,
संन्यासी बन कर कहीं भिक्षा माग रहे होते ।
जीवन मार्ग जिस घड़ी मुड़ता है , वह घड़ी या तो ......
योगी बना देती है ।
वह स्थिति जहां तन , मन और बुद्धि में बहनें वाली
ऊर्जा स्थिर हो जाती है , उस घड़ी .....
मन दर्पण पर प्रभु दिख सकता है ॥
प्रभु का दिखना अर्थात ........
संन्यास में कदम रखना ॥

भविष्य में जब भी आप के जीवन में कोई ऎसी स्थिति आये जिस से मन खराब हो रहा हो , तो आप
वापिस घर आ कर चाय न पीना , जाना कुरुक्षेत्र जैसी जगह में और उस घाव को तब तक
हरा करते रहना जब तक प्रभु का दर्शन न हो जाए ॥

कुछ देखो और कुछ समझो

No comments: