कौन सोचता होगा ?
कर्मसे कर्म - योग , कर्म - योग से ज्ञान ज्ञान से ज्ञानेश्वर तक की यात्रा का नाम गीता है ॥ भोग से योग योग से संन्यास संन्यास में ज्ञान ज्ञान से नारायण तक की यात्रा का नाम गीता है ॥ राग में ध्यान ध्यान में वैराग्य वैराग्य में ज्ञान ज्ञान से ज्ञानेश तक की यात्रा का नाम गीता है ॥ ===== ॐ ======
No comments:
Post a Comment