आप भी सोचें और मैं भी सोच रहा हूँ -------
जीवन में कहाँ - कहाँ हमें रस दिखता है ?
हम जब कुछ ऐसा कर रहे होते हैं जैसा कोई और न किया हो तो उसमें रस दिखता है ॥
घर में जब कोई नया बच्चा आता है तब उसमें हमें रस दिखता है ॥
जब हमें कोई कुछ उपहार देता है तब उसमें हमें रस दिखता है ॥
जब बेटा या बेटी परीक्षा में औअल आते हैं तब उसमे रस दिखता है ॥
जब पड़ोसी का बेटा / बेटी पढाई में अपने बेटे / बेटी से पीछे रहते हैं तब उसमे रस दिखता है ॥
जब कोई गरीब मेहमान घर आये तो उसमें रस दिखता है ॥
पढ़ोसियों में जब युद्ध हो रहा हो तब उसमे रस दिखता है ॥
अब आप सोचें की हम सब की गति -----
परमात्मा की ओर है , या ----
नरक की ओर ?
हमें क्या करना है और हम क्या कर रहे हैं ,
आखिर कुछ तो समझ होनी ही चाहिए ॥
फिर मिलेंगे अगले अंक में ....
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