Friday, December 31, 2010

कितना अच्छा लगता है -----



आप को कैसा लगता है ?

आज ऐसे - ऐसे लोग जीनें का ढंग सिखा रहे हैं .......
जो स्वयं पराश्रित हैं -----
जो कभी बीजली का बिल भरनें के लिए लाइन में नहीं खड़े हुए -----
जो बच्चे के दाखिले के लिए अपनी जूती नहीं घीसाए ----
जो कभीं घोड़ी पर बैठ कर .....
हाँथ में तलवार ले कर ....
ब्याह करानें ,लड़की के घर बरात ले कर नहीं गए ........
जो कभीचाय भी बना कर नहीं पीया ......
न जानें
कहाँ - कहाँ से ऐसे लोग आ जाते हैं जिनका पहले से कोई पता नहीं होता ॥

आप कभी सोचते हो ?
जो दसवीं तक भी विज्ञान नहीं पढ़े , वे सिद्रोम बीमारी की बात करते हैं .....
जिनके जीवन में झूठ ही झूठ है ,
वे बता रहे हैं जीवन जीनें के ढंग को .....
जिन्होनें एक काकरोच का भी आपरेसन नहीं किया ,
वे बता रहे हैं .....
किडनी , लीवर , दिल और पंक्रियाज के बारे में .....
और हम लोग प्यार से कानों को बंद करके .....
सुन रहे हैं .....
है न मजे की बात ॥

ज़रा उठो ...
ज़रा सीधे होवो ...
ज़रा अपनें को जानो ....
ज़रा प्रभु को याद करो ....
ज़रा अपनें परिवार को समझो ....
क्या रखा है .....
झूठे लोगों के पीछे - पीछे ...
भागनें में ॥

==== ॐ =====

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