Wednesday, October 6, 2010
यक़ीनन वह सब की सुनता है
उसकी कोई नहीं लेकीन ......
वह सब की सुनता है ।
वेदों का निचोड़ ----
उपनिषदों के सूत्र ....
गीता के श्लोक ......
कुरान शरीफ की आकाश में गूंजती आयातों की धुनें ------
अमृतसर हर मंदर साहिब के अन्दर श्री ग्रन्थ साबिद के शब्द ------
बायबिल की पंक्तियाँ .......
सब के सब यही कहते हैं ......
वह सब की सुनता है ॥
हम सब मोबाईल इस्तेमाल करते हैं लेकीन मोबाईल उनकी आवाज सुनकर हमें कहता है .....
लो सरजी , आप के मित्र आप से बातें करना चाहते हैं ,
यह कैसे संभव होता है ?
आवाज को इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगों में बदल कर एक दूसरे जगह भेजते हैं और वहाँ
स्थित उन तरंगो को पकडनें वाला यदि मोबाईल है तो वह -----
* पहले उन तरंगों को पकड़ता है .....
* फिर उन तरंगों को हमारी भाषा में बदल कर हमें देता है ।
मोबाईल की भाँती यदि हम प्रभु की तरंगों को पकडनें में कामयाब हो सकें तो ......
हमारा जीवन बदल सकता है .....
मनुष्य जो दिन - प्रतिदिन इंसान से जानवर बनता जा रहा है ,
वह योगी बन सकता है .....
आज वैज्ञानिक जो नयी पृथ्वी की तलाश कर रहें हैं , उसकी कोई जरुरत ही न होगी ........
और इस पृथ्वी को हम वैसे रखनें में सफल हो सकेंगे जैसा प्रभु हमें दिया था ॥
====== और जीवन बदल सकता है ======
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